वाणी का चिंतन गहन करें।
शब्दों का उचित चयन करें।।
उम्र से अपनी बड़ा हो कोई।
झुका कर सर नमन करें।।
दग्ध हो जायेगा जीवन सारा।
अहम अपना दहन करें।।
आने वाली पीढ़ी के खातिर।
आओ प्रकृति का जतन करें।।
अद्भुत समस्त ये संसार है।
जाइए इसमें भ्रमण करें।
ऊंच नीच जात पात धरम।
विष ये समस्त वमन करें।
सलाह नही रूह के विचार।
इच्छा हो तो आप ग्रहण करें।
शुभकामनाएं नववर्ष की
ReplyDeleteDhanyawad Susheel ji, aapko bhi shubhkamnaye
Deleteवाह! बहुत खूब! आइए मिलकर प्रकृति का जतन करें ।
ReplyDeleteDhanyawad Subha ji
DeleteDhanyawad Sweta ji
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