महानगर का काव्य

ऋषिकेश खोङके "रुह"

Saturday, August 16, 2025

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हाथ दो, दो पैर वाला एक जिस्म है । आदमी भी जानवर की एक किस्म है ।।
Wednesday, August 6, 2025

मो से रूठों ना

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मो से रूठों ना, मोरे सजनवा। बिनती करूं मैं , परु चरनवा।। मुख फेरत तुम, पतझर छाए, चम्पा चमेली जूही, डार मुरझाए, सूख गए मेघ मोरी अंखियन के, नि...
Monday, July 28, 2025

रुत सावन की आई (गीत)

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मित्रों **सावन रुत** का पर्दापण हो चुका हैं और ये रुत जैसे रिमझिम वर्षा और हरियाली की द्योतक हैं उसी प्रकार काव्य के संसार में ये **विरह की ...
Saturday, July 26, 2025

बस इक ख़ज़ाना चाहिए (ग़ज़ल)

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बस इक ख़ज़ाना चाहिए। दिल में ठिकाना चाहिए।। तन्हा बहलता दिल नहीं । कोई फ़साना चाहिए।। ग़म राग जैसे भैरवी । गा कर सुनाना चाहिए।। आँसू मिरे बहत...
Wednesday, July 2, 2025

दुआओं में असर (ग़ज़ल)

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ये दुआओं में असर होता हैं क्या । देखते हैं मांग कर होता हैं क्या ।। रात काटी जाग कर, बेकल रहा । कुछ नहीं दिल को ख़बर होता है क्या।। भूलना उस...
3 comments:
Sunday, June 22, 2025

**पांडुरंग हरी**

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श्री हरी विट्ठल,श्री हरी विट्ठल ,  श्री हरी विट्ठल,श्री हरी विट्ठल । भक्तों का सखा वो, भक्तों की माऊली ।। पुंडरीक निवेदन का जिसने मान रखा, क...
Thursday, June 19, 2025

पत्नी की तारीफ (शादी की सालगिरह विशेष)

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अपनी शादी की सालगिरह सोचा काव्यमय मनाऊं । चैट जीपीटी से  पत्नी की तारीफ में कविता लिखवाऊं। चैट जीपीटी को ओपन कर बोला, भाई पत्नी की तारीफ में...
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