पनिया भरन कूप जाऊं कैसे मईया ।
गगरीया फोर देत नटखट कन्हैया ।।
पनिया भरन कूप जाऊं कैसे मईया ।
भीगी मेरी अंगिया, भीगी मेरी चोली ,
कितना सहूं मुए कान्हा की ठिठोली ,
अखियां दिखाऊं तो और इतराए है,
हाथ उगराऊं तो पकड़ ले बहियां।।
पनिया भरन कूप जाऊं कैसे मईया ।
चरखी बंधी कभू,काट देत पगहा ,
चुटिया खींचें कभू खींचें चुनरवा,
कूद जात कूप कभी लेकर ग्वाले,
बिपदा ही जनमि ये गोकुल नगरिया।
पनिया भरन कूप जाऊं कैसे मईया ।
ठाडे रहें पथ में , आपे पलकें नचावे,
कभू मोहे कभू मोरी सखियां सतावे,
करो काहू जतन माई अपने लला का,
सर फोर दूंगी मैं लेकर लकड़ियां।।
पनिया भरन कूप जाऊं कैसे मईया ।
बहुत सुंदर
ReplyDeleteधन्यवाद 🙏
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