तेरे खत सिरहाने रखते हैं।।
तुम कब आते हो कब जाते हो ।
सारा इल्म दिवाने रखते है।।
कीमत फूल की बढ़ जाए है जब ।
जुल्फों में वो दिखाने रखते है ।।
लब आंखें जुल्फें कितने आखिर ।
सुंदर लोग ख़ज़ाने रखते है ।।
तुझसे मिलने खातिर "रूह" मियां।
अक्सर अच्छे बहाने रखते है ।।
रचना निम्नलिखित बह्र में है:
फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़े
22 22 22 22 2
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteवाह! उम्दा शायरी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteवाह! बहुत खूब!
ReplyDeleteतेरे खत सिरहाने रखते हैं...
ReplyDeleteक्या बात..क्या बात..क्या बात।।👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻🙏🏻