Wednesday, June 12, 2024

सौदाई को माने रखते हैं (ग़ज़ल/

सौदाई को माने रखते हैं।
तेरे खत सिरहाने रखते हैं।।

तुम कब आते हो कब जाते हो ।
सारा इल्म दिवाने रखते है।।

कीमत फूल की बढ़ जाए है जब ।
जुल्फों में वो दिखाने रखते है ।।

लब आंखें जुल्फें कितने आखिर ।
सुंदर लोग ख़ज़ाने रखते है ।।

तुझसे मिलने खातिर "रूह"  मियां।
अक्सर अच्छे बहाने रखते है ।।


रचना निम्नलिखित बह्र में है:
फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़े
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5 comments:

  1. वाह! उम्दा शायरी

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  2. बहुत सुन्दर

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  3. वाह! बहुत खूब!

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  4. तेरे खत सिरहाने रखते हैं...
    क्या बात..क्या बात..क्या बात।।👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻🙏🏻

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