Saturday, May 18, 2024

सारी मय उतर गई (ग़ज़ल)

सारी मय  उतर गई ।
जब उन पर नज़र गई ।।

हैरां चांद सोचकर ।
वो कितना निखर गई ।।

आशिक इश्क़ में जले ।
क्या उनको ख़बर गई ।।

रुप उसका तिलिस्म है ।
मंतर फूँक  कर गई ।।

नज़रें रूह तू हटा ।
दिल में वो उतर गई ।।


रचना निम्नलिखित बह्र में है:
फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन
22 22 22

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