Tuesday, February 19, 2008

मतलब का शब्द

शब्दों के मतलब तो मिलते हैं,
मतलब का शब्द नहीं मिलता,
अक्षरों के मात्र संकर ही से,
अर्थ का फूल नहीं खिलता |

पत्थरों की पोशाकों के पिछे,
दरारें ही दरारें हैं सीनों मे,
बाहर पैबंद खुबसुरत है,
कोई अंदर से नही सिलता |

फासलों की दिवारें सब जगह,
मुल्क,प्रदेश,जाति,पंथ,भाषा,
लाल रंग तो गिरे है इनके लिये,
बस एक फ़ासला नही गिरता |