Monday, January 16, 2023

अमृत

 तेरी यादों से

महकने को अनंतकाल तक,


सोचता हूं,


चांद की रोशनी में भीगा हुवा,

एक कटोरी दूध,

शरद पुनम की रात पी लूं,


सुना है उस दिन ,

चांद की रोशनी से,

अमृत बरसता है 

**ऋषिकेश खोड़के "रूह"****

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