प्यार का जब खत पहला लिखा था।
नाम उसका मेरी जानां लिखा था।।
बयाने दिल काम मुश्किल बड़ा था
खत लिखने को सारी रात जगा था
लिख लिख कर खत फाड़ें पचासों
तब कहीं हाल दिल का लिखा था।।
नाम उसका मेरी जानां लिखा था।।
नज़रों को उसकी जादू लिखा था
सावन घटा जुल्फों को लिखा था
गौरे रंग को हाय संगेमरमर ,
और बदन तिलस्माना लिखा था ।।
नाम उसका मेरी जानां लिखा था।।
कटती नहीं रातें ये भी लिखा था
आईने में दिखता चेहरा लिखा था
सामने शायद मैं कह नहीं पाता
खत में आशिक़ तुम्हारा लिखा था।।
नाम उसका मेरी जानां लिखा था।।
प्यार का जब खत पहला लिखा था।
नाम उसका मेरी जानां लिखा था।।
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