सबसे जुदा हो गए हो।
तुम तो ख़ुदा हो गए हो ।।
इस तरह जाते हो छू कर।
गोया सबा हो गए हो ।।
नज़रें गिराना उठा के ।
कातिल अदा हो गए हो ।।
हुस्न की तारीफ़ क्या हो।
दिल की दवा हो गए हो ।।
कौन करे चांद की बात।
उसकी कज़ा हो गए हो।।
नाम अगर पूछ लिया।
कितना ख़फ़ा हो गए हो ।।
कैसे कहूं रूह के तुम ।
जाने जहां हो गए हो ।।
बह्र : रज्ज़ मुरब्बा मतवी
मुफ़तइलुन मुफ़तइलुन
21122112
ग़ज़ल की तक़तीअ
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