Wednesday, June 4, 2025

ज़िंदगी (ग़ज़ल)

जिंदगी तू कमाल  है ।  
तोहफा बेमिसाल है ।।  

खुद से खफा हों किसलिए ।  
हर घड़ी ये सवाल है ।।  
  
ठोकरें लाख राह  में  
रोक सकें मजाल  है ।।  
  
जीत पड़ाव आख़िरी ।  
हार तो एक  ख्याल है।।  
  
जिस्म को रूह छोड़ कर ।
जाए कहां सवाल है ।।

3 comments:

Priyahindivibe | Priyanka Pal said...

बहुत ही उम्दा

Vijay Kumar Bohra said...

वाह! बहुत सुंदर प्रस्तुति।

हरीश कुमार said...

वाह वाह वाह, बहुत सुंदर रचना