Saturday, December 30, 2023

वाणी का चिंतन गहन करें। (ग़ज़ल)

वाणी का चिंतन गहन करें।
शब्दों का उचित चयन करें।।
उम्र से अपनी बड़ा हो कोई।
झुका कर सर नमन करें।।
दग्ध हो जायेगा जीवन सारा।
अहम अपना दहन करें।।
आने वाली पीढ़ी के खातिर।
आओ प्रकृति का जतन करें।।
अद्भुत समस्त ये संसार है।
जाइए इसमें भ्रमण करें।
ऊंच नीच जात पात धरम।
विष ये समस्त वमन करें।
सलाह नही रूह के विचार।
इच्छा हो तो आप ग्रहण करें।

5 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

शुभकामनाएं नववर्ष की

शुभा said...

वाह! बहुत खूब! आइए मिलकर प्रकृति का जतन करें ।

Rishikesh khodke said...

Dhanyawad Sweta ji

Rishikesh khodke said...

Dhanyawad Subha ji

Rishikesh khodke said...

Dhanyawad Susheel ji, aapko bhi shubhkamnaye