ज़िंदगी मुश्किल सफ़र है।
ढूंढना मंज़िल सफ़र है।।
गर तलाश-ए-हक़ इरादा।
फिर सफ़र काबिल सफ़र है।।
दास्ताँ जो राह कहती ।
बस वहीं हासिल सफ़र है।।
चाँद के साथी सितारे।
रात का झिलमिल सफ़र है।
रूह बंजारा है उसके।
भाग में शामिल सफ़र है।।
बह्र:
रमल मुरब्बा सालिम
फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन