Sunday, February 10, 2019

दरिया

दरिया के उतरते पानी में
सब बहा दिया मैंने,
मन की बेचेनियाँ,
जीवन के दुख,
तमाम परेशानियां |

दरिया देखकार बोला
हँसते हुए,
पागल !
चढते पानी के साथ,
मै सब दुगना लौटाता हूं |

***ऋषिकेश खोड़के "रूह"***

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