Friday, July 7, 2023

ग़ज़ल

बातों में तेरी जायका हरबार अलग है।
कुछ तो बात है तुझमें जो यार अलग है।।
जख्म नही होता लेकिन दिल में चुभते हैं।
ज़ालिम ये तेरी आंखों के औजार अलग हैं ।।
रहने दे चरागर के दवा काम की नहीं ।
ये मर्ज अलग है, तेरा बीमार अलग है।
झूठे तेरे वादें है सारे हम को है मालूम।।
कह तू चाहे जितना की इस बार अलग है।।
मौसम बहारों का रूह आता है जाता है।
तू साथ है तो अब की ये बहार अलग है।।

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