दिल में हमारे रह कर तो देखो।
छोटी जगह में बड़ा घर तो देखो।।
हम तो मुंतज़िर हैं जाने कब से।
उठाओ नज़रे, ज़रा इधर तो देखो ।।
नज़रें मिलाकर नजरें छुपाना।
दिल चुराने का हुनर तो देखो।।
बड़ी छोटी सी इक अर्ज है हमारी।
साथ हो ज़िंदगी का सफ़र तो देखो।।
बड़ा ध्यान देकर सुनते हैं वो।
रूह की शायरी का असर तो देखो।।
9 comments:
वाह!! लाजवाब!
वाह | ब्लॉग फोलोवेर लिंक उपलब्ध कराएं |
छोटी जगह में बड़ा घर तो देखो
... बहुत खूब!
वाह! बहुत खूब, लाजवाब।
वाह!उम्दा ग़ज़ल।
धन्यवाद शुभा जी
धन्यवाद सुशील जी
शुक्रिया रूपा की
शुक्रिया आपका
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