Thursday, May 9, 2024

राजनीति

कहीं ईट कहीं रोड़ा जोड़ना है राजनीति ।
इसे पकड़ना उसे छोड़ना है राजनीति।।
साम दाम दंड भेद, येन केन प्रकरेण।
विरोधियों का होसला तोड़ना है राजनीति।।
हाथ जोड़े तो भी मिलों न जिससे साल भर।
चुनाव में उसके हाथ जोड़ना है राजनीति ।।
जो दिख रहे हैं वही तो कह रही है कविता।
भावनाओं का तोड़ना मरोड़ना है राजनीति।।

6 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

सटीक

Onkar Singh 'Vivek' said...

ठीक ही कहा है आपने

Rishikesh khodke said...

धन्यवाद सुशील जी

Rishikesh khodke said...

धन्यवाद ओंकार जी

Sudha Devrani said...

बहुत सटीक

आलोक सिन्हा said...

सुन्दर