पनिया भरन कूप जाऊं कैसे मईया ।
गगरीया फोर देत नटखट कन्हैया ।।
पनिया भरन कूप जाऊं कैसे मईया ।
भीगी मेरी अंगिया, भीगी मेरी चोली ,
कितना सहूं मुए कान्हा की ठिठोली ,
अखियां दिखाऊं तो और इतराए है,
हाथ उगराऊं तो पकड़ ले बहियां।।
पनिया भरन कूप जाऊं कैसे मईया ।
चरखी बंधी कभू,काट देत पगहा ,
चुटिया खींचें कभू खींचें चुनरवा,
कूद जात कूप कभी लेकर ग्वाले,
बिपदा ही जनमि ये गोकुल नगरिया।
पनिया भरन कूप जाऊं कैसे मईया ।
ठाडे रहें पथ में , घोर उधम मचावे,
कभू मोहे कभू मोरी सखियां सतावे,
काहू जतन माई, कर अपने लला का,
सर फोर दूंगी मैं लेकर लकड़ियां।।
पनिया भरन कूप जाऊं कैसे मईया ।
2 comments:
बहुत सुंदर
धन्यवाद 🙏
Post a Comment