Tuesday, April 17, 2007

होली के हाईकु

टेसु के रंग

फागुन की बयार

होली की धुम



रंगो का खेल

गालों पे गुलाल

हाथ अबीर



बच्चो का शोर

रंग भरी पिचकारी

लो भर मारी



घोटि ठंडाई

देखो झुमे कन्हाई

हुवे मलंग



जली होलिका

विनाशी बुराई भी

बचा पूण्य क्या ?

1 comment:

अनूप शुक्ल said...

अच्छे हायकू हैं।