चांद पाने की ख़्वाहिश कर के देखो।
हौसले की आज़माइश कर के देखो।।
क्या पता दिल तुमको दे ही बैठे।
एक बार फ़रमाइश कर के देखो।।
कोई कीमत नही है जज्बातों की ।
चाहो तो कभी नुमाइश कर के देखो।।
दो गज जमीं भी अब कहां हासिल है।
कब्रिस्ता की पैमाइश कर के देखो।।
वो चांद पर जमीं ढूंढते हैं रूह ।।
तुम भी ज़रा सिफ़ारिश कर के देखो।।
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