Friday, May 10, 2024

गम भरी रात (ग़ज़ल)

गम भरी रात तू और मैं ।
दिल के जज़्बात तू और मैं ।।
याद करना फकत रस्म है 
हैं सदा साथ तू और मैं।।
कुछ न बौले न  कुछ भी सुना ।
कर गए बात तू और मैं ।।
मांगता हूं दुआ काश हो 
तेज बरसात तू और मैं।।
रूह जाए कहां दिल चुरा ।
मौन लम्हात  तू और मैं।।


रचना निम्नलिखित बह्र में है:

मुतदारिक मुसद्दस सालिम
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
212212212

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