गम भरी रात तू और मैं ।
दिल के जज़्बात तू और मैं ।।
याद करना फकत रस्म है
हैं सदा साथ तू और मैं।।
कुछ न बौले न कुछ भी सुना ।
कर गए बात तू और मैं ।।
मांगता हूं दुआ काश हो
तेज बरसात तू और मैं।।
रूह जाए कहां दिल चुरा ।
मौन लम्हात तू और मैं।।
रचना निम्नलिखित बह्र में है:
मुतदारिक मुसद्दस सालिम
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
212212212
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