साहित्य अर्पण पिछले 5 साल से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहा है। इसकी सी ई ओ आदरणीया नेहा शर्मा जी इसे दुबई से संचालित कर रही हैं। साहित्य अर्पण की नींव 17 फरवरी 2018 को दुबई में रखी गयी। इसका कार्य नवोदित व जाने माने रचनाकारों को मंच प्रदान करना है। साहित्य अर्पण अनेक स्तर पर हिंदी क्षेत्र में कार्य कर रहा है।
साहित्य अर्पण समूह में समय समय पर बहुत से आयोजन होते रहते हैं। जिसमें प्रत्येक सप्ताह लेखन हेतु विषय भी दिया जाता है। यह लेखन आयोजन साहित्य अर्पण चित्राक्षरी व शब्दाक्षरी नाम से आयोजित होता है। इसके माध्यम से आपकी कलम को गति प्रदान करने व सोच को विस्तृत करने का कार्य करता है।
साहित्य अर्पण मंच की ई पत्रिका भी निकलती है जो वेबसाइट saahityaarpn.com से प्रकाशित होती है।
साथ ही मंच ने साहित्य की विभिन्न विधाओं की कक्षा भी सभी रचनाकारों के लिए व्यवस्थित की है।
इसके अलावा जो नियमित लिखते हैं व अपनी रचनाओं को नियमत रूप से एक बड़े प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित करना चाहते हैं जिससे उनकी रचनाओं को विस्तार मिले उन सभी के लिए साहित्य अर्पण ने विश्व स्तर पर वेबसाइट निर्मित की है जिस पर रचनाकार नियमित रूप से लिखकर अपनी रचना को शेयर कर सकते हैं। आप सब यदि लेखन करते हैं। या पढ़ना चाहते हैं। तो साहित्य अर्पण आपको यह सब वेबसाइट द्वारा चुटकियों में उपलब्ध करा देता है।
अक्सर हम अपने लिखे हुए का बिना किसी के पढ़े आकलन नही कर पाते हैं। यह कार्य साहित्य अर्पण ने आसान बनाया समीक्षा द्वारा। लेखन कर उनके कार्यों की समीक्षा का मौका भी संस्था लेखन के द्वारा प्रदान करती है।
साहित्य अर्पण द्वारा अब तक कई साझा संग्रह व एकल संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। जिनमें से अर्पण साहित्यञ्जलि जिसमें 30 रचनाकारों की रचनाएं सम्पादित हैं। अंतर्राष्टीय कॉफ़ी टेबल पुस्तक The Imaginary world of genius kids. जिसमें विदेश में रह रहे बच्चों ने अपनी लिखी रचनाएँ प्रेषित की है। व इस पुस्तक का। मुख्य भाग यह है कि इस पुस्तक में जो रिव्यु लिखा गया है वह बॉलीवुड अभिनेता चर्चित सीरियल लापतागंज के लल्लन जी राकेश श्रीवास्तव, बॉलीवुड एक्टर यशपाल शर्मा जिन्होंने दादा लखमी, rowdy rathore, लगान और बहुत सी फिल्मों में कार्य किया है।, फेमस आर्टिस्ट राज वर्मा जो जानी मानी पत्रिका the refeelection के एडिटर हैं, व दिनेश वर्मा जी जो बहु चर्चित आर्ट वर्क के लिए जाने जाते हैं। ने मिलकर इस पुस्तक को ऊंचाई प्रदान की है। इस पुस्तक का बेस्ट पार्ट यह है की जितनी सुंदर पुस्तक है और उसमें बच्चों ने सुंदर रचनाएँ भेजी हैं। उतना ही सुंदर कार्य भारत और पाकिस्तान की शिक्षिकाएं जो दुबई में रह रही है। उन्होंने बच्चों का कार्य चयन करने में किया है। और एक लंबे प्रोसेस के बाद यह पुस्तक सफलतापूर्वक प्रकाशित हुई जिसका विमोचन दुबई में किया गया।
उसके बाद 2 एकल संग्रह सुधीर अधीर की पुस्तक दो बूंद जिंदगी की और भावना सागर बत्रा की पुस्तक नारी मूल के पंच तत्व साहित्य अर्पण द्वारा प्रकाशित की गई।
साहित्य अर्पण द्वारा आवाज को निखारकर उन्हें बाहर लाने का कार्य कहानी वाचन यानी storytelling कार्यक्रम द्वारा हो रहा है। कहानियां भाव की दुनिया जो ऑनलाइन कार्यक्रम है उसका तीसरा सीजन चल रहा है जिसमें रचनाकार अपनी कहानियां ऑनलाइन आकर सुनाते हैं। सिर्फ इतना ही नही साहित्य अर्पण द्वारा कहानी केंद्र का भी निर्माण किया गया जिसमें सुप्रसिद्ध लेखक की कहानी को रचनाकारों द्वारा आवाज दी जाती है। जिन्हें अमेजन म्यूजिक, जिओ सावन, spotify, you tube चैनल आदि पर आप सुन सकते हैं। यह सब प्रोसेस थोड़ा लम्बा होता है जिसमें रचनाकारों को आर जे द्वारा चुना जाता है उनकी ऑडियो को सुनकर।
कवि गॉष्ठी और कवि सम्मेलन चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन इसके विषय में तो आप सभी जानते ही हैं। फिलहाल साहित्य अर्पण द्वारा सभी जगह अलग अलग शाखाएं तैयार कर दी गयी हैं। जो अलग अलग स्तर पर कवि सम्मेलन व गॉष्ठी का कार्य सम्भाल रही हैं।
साहित्य अर्पण की नज़र से देखा जाए तो साहित्य का विस्तार इतना है कि इसको फैलाने में जितना प्रयास किया जाए वही कम है। रचनाकार सामने तो आते हैं उनको मंच भी दे दिया जाता है परन्तु कार्य की जो क्वालिटी है वह नही दे पाते हैं बाद उसी क्वालिटी को ढूंढकर मथने का कार्य साहित्य अर्पण कर रहा है।
आशा है कि हम सबका यह कनेक्शन व साहित्य के साथ मिलकर कार्य करने का यह सफर यूंही अनवरत जारी रहेगा। हम साथ ही साहित्य अर्पण की सी ई ओ नेहा शर्मा का धन्यवाद ज्ञापन करते हैं कि उन्होंने हम सभी को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है। व साहित्य अर्पण का यह मंच खड़ा कर अनेकों कलमकारों की कलम को गति प्रदान की है।
धन्यवाद
टीम साहित्य अर्पण।